शायरीGopendra SharmaJun 2, 20201 min readजन्नत के स्वप्न देखकर, रोज तू भजन करता है । तू पागल है गरीब की आत्मा सताकर , फिर तू गुनाह कर देता है ।।
Shayariईश्वर का फरमान सुनाने आया हूं। यहां से उठाकर यमलोक ले जाने ही तो मैं आया हूं अपने हिसाब से जिंदगी जी प्यारे यहां कोई किसी की पैरोकारी...
शायरी मेरी आखों का दर्द नहीं देखा तुमने केवल चेहरे पर हंसी नजर आती है साहब वो मुखौटा है जो मेरे दर्द को छुपाती है हक तुझे दे ही चुका हूं अब कर...
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